अपनी टोली
- rajaramdsingh
- May 7, 2023
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जब भी देखता हूँ किसी को हंसते ,
या खुश होकर कुछ कहते ।
यकीन आ जाता सचमुच खुशियाँ,
कोष से ज्यादा संतोष दे सकते ।।
सिस्टम को श्रद्धांजलि देने वाले,
बोझ लेकर सिर चलने वाले।
अक्सर पानी में डूब जाते ,
सामान लेकर सिर तैरने वाले ।।
पाना हो अगर जग में सम्मान ,
दूर हटाओ अपना अभिमान ।
बन्दे हैँ सब परम पिता के ,
क्यों दिखलाते हो झूठी शान ।।
अपनों से अपनत्व बढ़ायें ,
मातु पिता का मान बढायें ।
धर्मग्रंथ गुरु की सेवा से ,
उलझे काम सुलझायें ।।
अपनी भाषा अपनी बोली,
करें इससे ना हंसी ठिठोली।
एकता में है अदभुद बल ,
बनाएं घर को अपनी टोली।।
रहना हो अगर मस्त मगन ,
करें प्रभु का दिल से स्मरण ।
कष्टों से छूटकारा दिलाएंगे ,
श्रीराम भक्त संकट मोचन।।
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राजाराम सिंह, 7 मई 2023
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