छठ पूजा
- rajaramdsingh
- Nov 5, 2024
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आसुरी शक्ति के संहार के बाद ,
रवाना हुए जन्मभूमि वर्षों बाद ।
होकर सवार पुष्पक विमान में ,
आए अयोध्या अपनों के साथ ।।
कहे राम कुल गुरु से कहानी ,
रावण बद्ध को ब्रह्महत्या मानी ।
इसका है मात्र एक उपाय ,
राजसूय करना है गुरु से जानी ।।
निमंत्रण भेजे मुंगेर महंत को ,
सिद्ध ऋषि श्रीमुद्गल संत को ।
सोच विचार कर कहा ऋषि ने ,
तुरंत बुलाओ श्री रामचंद्र को ।।
पहुंचे राम जानकी के साथ ,
नतमस्तक हो किए गुरु से बात ।
कहे गुरुवर करो सूर्य उपासना ,
विशुद्ध विधि विधान के साथ ।।
पहले किए पवित्र गंगा स्नान ,
खड़ना खीर का लिए दिव्य ज्ञान ।
मां जानकी छठ करके सर्वप्रथम ,
कीर्ति बनाई जग में महान ।।
संध्या अर्घ्य निर्जला उपवास ,
पैदल गए गंगा नदी पास ।
दिए अर्घ्य वे फल पकवान के ,
रात्रि तपस्या एकदम है खास ।।
आए सूर्यदेव रथ लेकर अपना ,
साकार किये प्रभु सबका सपना ।
हर्षोल्लास से दिए उषा अर्घ्य जब ,
बना तब से छठ हर घर में अपना ।।
कौरव किया कूटनीति का प्रयोग ,
करने लगा सत्ता का दुरुपयोग ।
गुरु धौम्य के आदेश से द्रौपदी ,
किया छठ तो बना सुंदर संयोग ।।
हुआ शुरू बिहार से छठ पूजा ,
जो है विश्व में त्यौहार अजूबा ।
सिख जैन बौद्ध धर्म अलावा ,
छठ पूजा पूर्ण करे मनसूबा ।।
कार्तिक मास शुक्लषष्ठी आई ,
पूजे सूर्यदेव और छठी मांई ।
मनवांछित फल देने वाले ,
संपूर्ण विश्व में डंका बजाई ।।
कहे रघुवंशी है हमें अभिमान ,
बढ़ाती विश्व में आन बान शान ।
दिलाती दुनियां में *छठ पूजा*,
बिहार वासियों को अलग पहचान ।।
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राजाराम रघुवंशी , 03 नवंबर 2024
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