जानें ,,,छठ की विशेषता,,,
- rajaramdsingh
- 2 days ago
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Updated: 2 days ago
चार दिवसीय एक ऐसा त्यौहार जहां कोई दंगा नहीं होता, इंटरनेट कनेक्शन नहीं काटे जाते, किसी शांति समिति की बैठक कराने की जरुरत नहीं पड़ती, औरतों के साथ छेड़ छाड़ नहीं होता , चंदे के नाम पर गुंडा गर्दी नहीं होती , जबरन उगाही नहीं की जाती , शराब की दुकाने बंद रखने का नोटिस नहीं चिपकाई जाती, मिठाई के नाम पर मिलावट नहीं परोसी जाती , उंच - नीच का भेद नहीं होता, किसी से अनुदान और अनुकम्पा की अपेक्षा नहीं की जाती, राजा और रंक एक ही घाट पर सूर्य को अर्घ्य देते, वैदिक मंत्रोच्चारण की जरूरत नहीं होती और नहीं किसी को दान दक्षिणा देने का रीति या रिवाज ही होता ,,,ऐसे लोक आस्था एवं प्रकृति के महापर्व छठ पूजा की हार्दिक बधाईयां एवं अनंत शुभकामनायें🙏🏻
राजाराम सिंह , भाजपा, मा.प्रदेश उपाध्यक्ष , बिहार प्रकोष्ठ,महाराष्ट्र
*छठ महापर्व * 🙏🏼🙏🏼
*दुनिया का इकलौता ऐसा पावन पर्व जिसकी महत्ता दिन व दिन बढ़ती जा रही है ।आज ये पर्व हिंदुस्तान ,मलेशिया के अलावे लंदन,अमेरिका में भी बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है।
*ये छठ पूजा जरुरी है*
*धर्म के लिए नहीं*,
*अपितु*..
हम-आप सभी के लिए
जो अपनी जड़ों से कट रहे हैं ।
अपनी परंपरा, सभ्यता,संस्कृति, परिवार से दूर होते जा रहे है।
*ये छठ जरुरी है*
उन बेटों के लिए
जिनके घर आने का ये बहाना है ।
*ये छठ जरुरी है*
उस माँ के लिए
जिन्हें अपनी संतान को देखे
महीनों हो जाते हैं,
उस परिवार के लिये
जो आज टुकड़ो में बंट गया है ।
*ये छठ जरुरी है*
उस आजकल की नई बहु/पुतोहु
के लिए
जिन्हें नहीं पता कि
दो कमरों से बड़ा भी घर होता है ।
*ये छठ जरुरी है*
उनके लिए जिन्होंने नदियों को
सिर्फ किताबों में ही देखा है ।
*ये छठ जरुरी है*
उस परंपरा को ज़िंदा रखने के लिए
जो समानता की वकालत करता है ।
*ये छठ जरुरी है*
जो बताता है कि
बिना पुरोहित/ब्राह्मण भी पूजा हो सकती है ।
*ये छठ जरुरी है*
जो सिर्फ उगते सूरज को ही नहीं
डूबते सूरज को भी प्रणाम करना सिखाता है ।
*ये छठ जरुरी है*
गागर , निम्बू और सुथनी जैसे
फलों को जिन्दा रखने के लिए ।
*ये छठ जरुरी है*
सूप और दउरा को
बनाने वालों के लिए,
ये बताने के लिए कि,
इस समाज में उनका भी महत्व है ।
*ये छठ जरुरी है*
उन दंभी पुरुषों के लिए
जो नारी को कमज़ोर समझते हैं ।
*ये छठ जरुरी है*
भारतीयों के योगदान
और हिन्दुओ के सम्मान के लिए ।
*ये छठ जरुरी है*
सांस्कृतिक विरासत और आस्था को
बनाये रखने के लिए ।
*ये छठ जरुरी है*
परिवार तथा समाज में
एकता एवं एकरूपता के लिए ।
II संयमित एवं संतुलित व्यवहार
=सुखमय जीवन का आधार II जय छठी मैया।।
छठ की छटा, सूरज की घटा, ठेकुओं की मिठास, अपनों का एहसास के साथ, उत्कृष्ट त्योहार की शानदार शुभकामनाएं
लोग कहते हैं
जिसका उदय हुआ है उसका अंत भी होगा लेकिन छठ पूजा का संदेश इससे बिल्कुल अलग है । छठी मैया कहना है अगर उदय हुआ है उदय होना अवश्यंभावी है । उदय होगा हीं ,,,,लेकिन इसके लिए धैर्य रखने की जरूरत है ,,,तपस्या की जरूरत है
छठ पूजन की कोई मूर्ति नहीं होती है । इसके जो आराध्य होते हैं वो साक्षात सूर्य होते हैं । लोग गंगा जल में खड़े होते हैं और उसी जल से अर्घ्य देते हैं । यह प्रकृति का पूजा है ,,,,और प्रकृति किसी खास धर्म या जाती विशेष के नहीं होते बल्कि पूरे ब्रह्मांड में रहने लोगों के होते हैं ।
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