वीणा बजाकर,जीना सिखा दे
- rajaramdsingh
- Oct 22
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हे वीणापाणि ,
शारदा भवानी ,,,
सात सुरों का रंग ,,
जीवन में भर दे ।,,,2
जला दिव्य ज्योति ,
ताल सुर का मोती,,,
चिंतन अनुचिंतन ,
वेदना बढ़ाती ,,2,,,
अंधेरों का डेरा ,
सूने मन को घेरा ,,2
जला रौशनी जीवन को,
रौशन कर दे ,,,,
हे वीणापाणि ,,
शारदा भवानी ,,,
सात सुरों का रंग ,,,
जीवन में भर दे ,,,
सोच समझ की ,
काली है छाया ,
चले नहीं लेखनी ,
सुनी है काया ,,,2
ज्ञान की कमी है ,,,
बिपदा बड़ी है ,,2
मिटा अवसाद ऐसी ,
जीवन को तर दे ,,
हे वीणापाणि ,,
शारदा भवानी ,,,
सात सुरों का रंग ,,
जीवन में भर दे ,,, हे ,,,
अंधेरा मिटाकर ,
उजाला फैला दे ,
आशीषमय हाथ,
सिर पे घुमा दे । 2
करूं तेरी भक्ति,, दे,
वाणी में शक्ति ,,
वीणा बजा कर ,
जीना सिखा दे ,,
हे वीणापाणि ,,
शारदा भवानी ,,,
सात सुरों का रंग ,,,,
जीवन में भर दे,,,,,
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रचना: राजाराम सिंह , 16/10/2025
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